Mortgage meaning in hindi | कोन से हें 6 तरह के Mortgage
भारत देश में बेंक के द्वारा लोन देने के कई माध्यम है, हम आज उन्ही मे से कुछ पर बात करेंगे यदि आप लोन लेने जा रहे है तो आपको ये भी मालूम होना चाहिए कि हमारे देश में जो भी लोन दिए जाते हैं उनके पीछे क्या कानूनी विश्लेषण होता हैं।
जैसा कि आपने इस आर्टिकल मे क्लिक शायद Mortgage पड़ कर ही किया तो आपको उसी के बारे में बताते हैं, Mortgage को हिन्दी भाषा में बंधक कहते हैं ओर बंधक के कई प्रकार हैं,पहले आपको ये बताना जरूरी है कि Mortgage Transfer Of Property Act 1882 मे दिया गया है।
Mortgage क्या है।
Mortgage को आसान भाषा में बंधक कहते हैं जिसमे आप अपनी property को गिरवी रख कर कुछ अमाउंट लोन के रूप में लेते हैं ओर जब तक लोन की राशि वापिस नहीं कर लेते तब तक ये Property बंधक यानी गिरवी रहेगी, ओर व्यक्ति जब भी mortgage पर कोई राशि लेगा तो mortgage मे प्रॉपर्टी हमेशा अचल ही रहेगी यानी immoveable Property ही Mortgage मे दी जा सकती है, लेकिन Mortgage यानी बंधक के भी कई तरीके हमारे कानून मे बताए गए हैं जिस मेसे कुछ आप भी आम जिंदगी में सुन चुके होंगे।
Mortgage के प्रकार यानी types of Mortgage बताने से पहले आपको बताते चले कि जब भी कोई लोन के लिए अप्लाई करेगा ओर Mortgage Loan लेगा तो उसे Mortgagor कहेंगे ओर क्योंकि बेंक आपकी प्रॉपर्टी पर आपको लोन देगा तो बेंक को Mortgagee कहेंगे।
Section धारा 58 चेप्टर 4 ट्रांसफर ऑफ़ प्रॉपर्टी Act एक्ट,1882
Types Of Mortgage बंधक के प्रकार
1) Simple Mortgage यानी साधारण बंधक
Simple Mortgage (साधारण बंधक) मे व्यक्ति हमेशा अपनी property को जब भी Mortgage/ बंधक बनाएगा तब वो केवल इसी शर्त के आधार पर ही एक उचित राशि लेगा, यानी इसमें पहले प्रॉपर्टी का कोई भी लेन देन नहीं होगा केवल ऐसा contract बनेगा जिसमे ऐसी शर्त होगी कि यदि व्यक्ति राशि को चुकाने में एक निश्चित समय अवधि तक चुकाने मे असफल रहता है तो बेंक या Mortgagee property को अपने कब्जे में लेकर उसे कुर्क करेगा।।
2) Mortgage By Conditional Sale
इस तरह के Mortgage मे व्यक्ति पहले ही एक तरह की कंडीशन को मान लेता है ओर इसमें ये सब पहले ही तय कर लिया जाता है कि राशि चुकता ना होने की सूरत में प्रॉपर्टी को बेच दिया जाएगा , उदाहरण के तौर पर यदि आप उस दिन तक राशि को चुका देंगे तो ये सेल अमान्य रहेगी। या यदि आप उस तारीख तक पैसे को चुका नहीं देंगे तो ये सेल मान ली जाएगी ओर निश्चित तोर पर प्रॉपर्टी ट्रांसफर हो जाएगी। साधारण तौर पर कहे तो ये पहले ही एक तरह की सेल है जिसकी एक निश्चित अवधि है ओर अवधि ख़तम होने पर राशि चुकाई नहीं गई तो सेल सम्मपन मान ली जाएगी।
3) Usufructuary Mortgage
इस तरह के mortgage मे आप अपनी property के तमाम इंटरेस्ट भी mortgagee को ट्रांसफर कर देते है। इससे हमारा मतलब है कि यदि आप अपनी बिल्डिंग को Mortgage कर रहे है मतलब Usufructuary Mortgage कर रहे है तो आप अपनी बिल्डिंग से आने वाले रेंट को भी Mortgagee को डिलीवर कर देते है।,जिसमे आप सभी रेंट profits भी Mortgagee को ट्रांसफर कर देते है,जब तक कि आप ली गई राशि को लौटा नहीं देते। इसमें सीधे तोर पर बेंक आपकी प्रॉपर्टी के सभी प्रॉफिट्स को अपने कब्जे में ले लेते हैं ओर ये तब तक रहेगा जब तक आप राशि चुका नहीं लेते अगर सीधे तोर पर कहे तो आप अपनी प्रॉपर्टी का कब्जा भी ट्रांसफर कर देते हैं।
4) English Mortgage
इस तरह के mortgage अब भारत देश में नहीं होते लेकिन फिर भी आपको इसकी जानकारी होनी ही चाहिए, इस तरह के mortgage मे बैंक आपको पहले ही राशि चुकाने के लिए एक निर्धारित समय या तारिक दे देता है, आप खुद को भी वचन बध कर देते है कि आप बताई गई तारीख को पैसा वापस ना करे तो प्रॉपर्टी Mortgagee को ट्रांसफर कर दी जाए । ओर यह प्रॉपर्टी दुबारा Mortgagor को भी ट्रांसफर की जा सकती है यदि वह राशि का भुक्तान कर दे।
5) Mortgage By Deposite of Title Deeds
इस तरह के mortgage पहले के समय मे अधिक हुआ करते थे,इस तरह के mortgage मे आप पहले ही अपनी प्रॉपर्टी के तमाम दस्तावेज Mortgagee या बेंक को दे देते है, इस तरह के mortgage मे आप अपनी प्रॉपर्टी के तमाम दस्तावेज एक security के तौर पर रख देते हैं, जब तक कि आप राशि को चुका नहीं देते आपके दस्तावेज security के तोर पर कब्जे में रहेंगे।
6) Anomalous Mortgage
ये mortgage साधारण mortgage तो नहीं हो सकता लेकिन ये 2 से 5 तक बताए गए तमाम mortgage का मिक्चर हो सकता है। यानी दो mortgage का कॉम्बिनेशन होगा।
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