Famous 12 Temple Of Himachal Pradesh - in Hindi

 जैसा कि हम जानते हैं कि हिमाचल देव भूमि है ओर यहां के पहाड़ देविय चमत्कारों से भरे पड़े हे,यूं तो लोग हर वर्ष भारत ओर देश विदेश से हिमाचल सिर्फ घूमने के लिए आते है ओर जैसा की आप सभी जानते हैं कि हिमाचल मे बहुत से ऐतिहासिक सूंदर घूमने के लिए स्थान भी हैं।

लेकिन यदि आप केवल केवल घूमने फिरने के ही नहीं बल्कि थोड़े आस्थिक व्यक्ति भी है ओर हिमाचल के देवीय परम्पराओं ओर उनकी गाथा को नजदीक से देखना चाहते हैं,यदि महादेव के शिवालय के कुछ खास दर्शन करना चाहते हैं,यदि देवियों के भव्य मंदिर देखना चाहते हैं तो आज हम आपके लिए टॉप 12 (Top12) मंदिरों कि लिस्ट लाएं हैं ।

हम इन 12 मंदिरों के जरिए लग भग काफी फेमस मंदिरों को कवर करने कि कोशिश करेंगे वैसे तो सभी मंदिर एक समान है ओर उनकी देवीय शक्तियों और लोगो कि आस्था को किसी पैमाने मे नाप के संसार के आस्थीक लोगो का मजाक नहीं करेंगे हम टॉप 12 कि लिस्ट में मंदिरों को रैंक वहां के आस पास की सुन्दर दृश्य के हिसाब से देंगे किसी कि भक्ति ओर देव को कम या ज्यादा आंकना हमारा मकसद कतई नहीं है ओर ना ही हम ऐसे कोई कार्य को करना चाहेंगे ।

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Top 12 Temple With Beautiful Natural View

Temple No.12

बात सबसे पहले करेंगे हिमाचल प्रदेश के कुल्लु कि यहां व्यास नदी ओर पार्वती नदी के संगम के पास एक घाटी मौजूद है इस घाटी पर है बिजली महादेव का प्रसिद्ध मन्दिर यहां सबसे चमत्कारी घटना घटती है यहां हर 12 वर्षों में बिजली सीधा मन्दिर पर पड़ती है ओर शिवलिंग खंडित हो जाती है, इसके बाद मन्दिर के पूजारी शिवलिंग के टुकड़े इख्टे करके इसे माखन से शिवलिंग के शेप में लगा देते हैं,ओर कमाल की बात है कि कुछ ही समय में ये शिवलिंग जुड़ भी जाती है।

बिजली महादेव में बहुत से श्रद्धालु हर वर्ष आते हैं ओर लोगो की मन्दिर में बहुत आस्था है, मन्दिर के आस पास बहुत से पहाड़ों कि चोटिया है ओर यह एक सुन्दर नजारा ओर आलौकिक दृश्य को प्रस्तुत करता है,मन्दिर में आस पास ही दो नदियों का संगम है ।

Temple No.11

नैना देवी मन्दिर

अब बात करते हैं हिमाचल के अगले प्रसिद्ध मंदिर की जी हां हम बात कर रहे हैं हिमाचल के ऐतिहासिक मंदिर नेनादेवी मन्दिर कि जो हिमाचल के जिला बिलासपुर में है ओर यह मंदिर माता सती के शक्तिपीठों में से एक है यहां माता सती के नेन गिरे थे ओर यह शक्तिपीठ पूरे भारत वर्ष में माता के अन्य शक्तिपीठों मे एक है।
माता के मन्दिर में हर वर्ष लाखों श्रद्धालओं कि भीड़ लगी रहती है ओर सबसे ज्यादा नवरात्रों मे लोग यहां आकर दर्शन करते हैं वैसे अगर आप हमारी माने तो नवरात्रों के समय ना जाकर आप किसी ओर दिन जाए तो आप शांति से ओर आराम से माता के दर्शन कर पाएंगे ओर आपको यहां कुछ दिन रहने के लिए कमरे भी मिल जाएंगे परंतु नवरात्रों के समय भीड़ बड़ जाने के कारण कभी कबार दर्शन करना भी मुश्किल हो जाता है ऐसा नहीं है कि दर्शन नहीं कर पाएंगे परंतु नवरात्रों में लम्बी कतार में आपको इंतज़ार करना होगा ।

Temple 10

बैजनाथ मन्दिर

यह मन्दिर हिमाचल में जिला कांगड़ा में है यह मन्दिर जिला कांगड़ा से 30 किलोमीटर कि दूरी पर बैजनाथ में पड़ता है मन्दिर बैजनाथ मन्दिर के नाम से ही प्रसिद्ध है।यह मन्दिर भगवान शिव का है ओर वैसे तो ये मन्दिर हजारों वर्ष पुराना हो सकता है लेकिन मन्दिर की नकाशी देख कर लगता है कि मन्दिर 13वी शताब्दी मे दुबारा किसी राज्य द्वारा बनाया गया है इस मंदिर में लाखो श्रद्धालु काफी दूर दूर से आते है ओर भगवान शिव के दर्शन करते हैं, अधिकतर लोग यहां यहां शिवरात्रि के दौरान भी आते है क्योंकि उस दौरान यहां पर मेला भी होता है। 

Temple 9

हिडम्बा देवी मन्दिर 
यह मन्दिर हिमाचल के मनाली में स्थित है क्योंकि यह मन्दिर महाभारत काल का मन्दिर है तो इसकी महत्वता ओर भी बड़ जाती है,यह पांडव में भीम ने जब देवी हिडम्बा से विवाह किया तो वे काफी समय तक यहीं रहे थे ओर उन्ही की याद में इस मन्दिर का निर्माण उस समय में ही कर दिया गया था। 

इस मन्दिर के इतिहास होने के कारण यहां बहुत से लोग जो मनाली घूमने आते हैं वे हिडम्बा माता मंदिर के दर्शन जरूर करते हैं । इसीलिए ये मन्दिर अपनी आस पास के खूबसूरत दृश्य के लिए खूब के आकर्षण का केंद्र रहता है,इसीलिए आप जब भी मनाली घूमने आए तो इस मन्दिर के दर्शन जरूर करें।

Temple 8

लक्ष्मी नारायण मंदिर

यह मन्दिर हिमाचल में जिला चम्बा मे है ओर यह मंदिर 10 शताब्दी है ओर इस मन्दिर की बनावट भी काफी खूबसूरत है मन्दिर उस समय के राजा ने बनवाया था,मान्यता है कि भगवान लक्ष्मी नारायण कि मूर्ति बनवाने के लिए राजा ने अपने पुत्रों को संगमरमर का प्थर लाने के लिए भेजा ओर उसके पुत्र पथर ले भी आए लेकिन राजा तक पहुंचते पहुंचते पथर टूट गया था ।

तो राजा ने दुबारा पथर लाने के लिए अपने पुत्रों को भेज दिया लेकिन रास्ते में ही उनका युद्ध हुआ ओर सभी पुत्र मारे गए, राजा ने तब भी अपने बड़े पुत्र को आदेश दिया जो कि उसका आखिरी पुत्र बचा था कि मन्दिर के लिए संगमरमर का पथर लाओ , बड़े पुत्र ने अपने छोटे भाइयों कि हत्या करने वालो से भी बदला लिया ओर उन्हे मार गिराया इसके बाद एक संत तपस्वी कि सहायता से मन्दिर के लिए सही पथर कि खोज को ओर संत के ही द्वारा पुत्र ने अपने पिता के लिए वहां लक्ष्मी नारायण का मन्दिर बनवाया ।

क्योंकि चम्बा जिला पहले ही अपनी सुन्दरता के लिए पूरे देश मे प्रसिद्ध है इसलिए आप यदि स्पेशल मन्दिर दर्शन के लिए जाएं या चम्बा घूमने जाएं यहां के प्राकृतिक दृश्य आपका मन मोह लेंगे। मन्दिर के आस पास भी आपको खूबसूरत दृश्य जरूर दिखेंगे।

Temple 7

शिमला जाखु मन्दिर

शिमला इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण पन्ने कि तरह है जिसके बारे में हर कोई जानता है वहीं हम शिमला के एक प्रसिद्ध मन्दिर की करेंगे जहां स्वयं बजरंगबली ने महावीर ने लक्ष्मण के लिए संजीवनी बूटी लाते हुए कुछ समय विश्राम किया था ।

इस मन्दिर का निर्माण बहुत समय पहले साधु याकु ने करवाया था जिसके कारण नाम बिगड़ते बिगड़ते याकू से जाखु हो गया वैसे तो मन्दिर से जुडी ओर भी रामायण काल की कहानी इस मन्दिर से जुडी है,परंतु आप स्वयं जाकर मन्दिर के दर्शन करें ओर शिमला शहर की खूबसूरत वादियों में या यहां के लोगो से मन्दिर की ओर अधिक कहानी जाने, वैसे शिमला शहर में ओर भी ऐसे मन्दिर है जिनकी कहानियां आपको हैरान ओर रोमांच मे डाल सकती है।

Temple 6

लूटरू महादेव अर्की

यह हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के अर्की में स्थित है ओर यह मन्दिर अपने चमत्कारों के लिए पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है मन्दिर अर्की की एक चोटी या पहाड़ी में बना है यहां एक रहस्यमय गुफा है जिसमे सूरज की किरणे तो आती है लेकिन कभी भी पानी या बारिश कि बूंद नहीं आई जबकि गुफा के ऊपर गोलाकार बड़ा छेद है।

मन्दिर में शिवलिंग है ओर शिवलिंग मे शिगार रखी होती है जो कि कुछ समय में ही ख़तम हो जाती है ऐसा लगता है मानो महादेव स्वयं शीगार पी रहें हो ओर यहां के पूजारी का भी यही मानना है मन्दिर के आस पास ओर गुफा मे सांप की प्राकृतिक रूप रेखा बनी हुई है । माना जाता है कि शिवलिंग की स्थापना लाखो वर्ष पूर्व ऋषि आगस्तय ने कि थी लेकिन कई सदियां ओर युग बीतने के कारण गुफा ओर शिवलिंग अस्तित्व में नहीं थे फिर किसी गडरिए के कारण यह शिवलिंग ओर गुफा अस्तित्व में दुबारा आए।



 मन्दिर के पास ही शकनी नाम का एक ओर मन्दिर है जिसमे समूद्र मंथन के समय देवताओं ओर असुरो के बीच अमृत के लिए हुए द्वंद के कारण अमृत की बूंदे यहां गिरी जिससे यहां आज भी पानी बेह रहा है ओर हजारों की संख्या में लोगों को शुद्ध और मीठा पेय जल पानी से प्यास भूजा रहा है यदि आप हिमाचल से बाहर के व्यक्ति हैं तो इस पानी को पी कर आप बिसलेरी पानी को भूल जायेंगे पानी को बहुत गुणकारी यहां के लोग बताते हैं। 

यहीं पास ही भस्मासुर राक्षस से जुडी गुफा भी मौजूद है जो कि अर्की से कुछ किलोमीटर दूर कुनिहार में मौजूद है यहां शिवलिंग भी है ओर रेहम्यी गुफा भी हम चाहते हैं कि आप स्वयं यहां जाकर इसकी बारे में लोकल से जाने ओर कॉमेंट में भी हमे बताए।

Temple 5

ज्वाला जी मन्दिर

वैसे तो ज्वालाजी मन्दिर के बारे में हर कोई जानता है यह भी माता स्त्ती के सभी शक्तिपीठों मे से एक है ओर यह भी हिमाचल मे ही है,यह मन्दिर हिमाचल के जिला कांगड़ा के नजदीक काली घाटी में है यह मन्दिर में ज्वाला या जोट हमेशा ही जल्ती रहती है ओर मन्दिर में माता सती की जीभ गिरी थी ।

इस मन्दिर का इतिहास अकबर से भी जुड़ा हुआ है यही अकबर ने माता ज्वाला देवी से माफी भी मांगी थी मन्दिर के रहस्य ओर जलती अखंड ज्योति की खोज वैज्ञानिक पिछले 200 वर्षो से कर रहें हैं लेकिन आजतक कोई सच हाथ नहीं लगा। क्योंकि इस मन्दिर का इतिहास बहुत ही रहस्यमय है तो इतिहास को जानने ओर अकबर से जुडी कहानी जानने ओर सबसे जरूरी माता का आशीर्वाद लेने इस मन्दिर के दर्शन करने जरूर आएं।

Temple 4

बाड़ी धार 

यह मन्दिर भी हिमाचल के जिला सोलन तहसील अर्की में ही स्थित है मन्दिर का इतिहास पांडवो से जुडा है ओर इस स्थान पर उन्ही की ऊर्जा आज भी विद्यमान है ओर मन्दिर चोटी के आखिर मे स्थित हे ओर इस मन्दिर की इतनी ज्यादा हाइट होने कि वजह से भी यह मन्दिर पर्यटकों के आकषर्ण का केंद्र रहता है इस मन्दिर में बाड़ा देव की स्थापना है मन्दिर में साथ ही शिवालय भी है। मन्दिर की खूबसूरती और अधिक ऊंचाई पर होने की वजह से भी आपको यहां जाना चाहिए,यहां तक छोटा वाहन आराम से जा सकता है कार ओर मिनी Buses भी मन्दिर द्वार तक पहुंच जाती है,एक बार बाड़ी धार आप पहुंच गए तो आप वहां की खूबसूरती ओर ऊंचाई को देख हमे जरूर मन्दिर के बारे में बताने के लिए धन्यवाद बोलेंगे ।

Temple 3 

शिकारी देवी मंदिर 

मन्दिर बिना छत का आपने देखा ही गा लेकिन मन्दिर में छत नहीं टिकती ये कम ही सुना होगा हम बात कर रहे हैं हिमाचल के मंडी जिला के शिकारी देवी मंदिर की यह मन्दिर बेहद ही ऊंचाई पर है ओर इस मन्दिर का इतिहास भी महाभारत काल से जुडा है लेकिन देवी मंदिर की सबसे पहले स्थापना ऋषि मार्कणडेय ने कि थी उन्होंने अपने तपस्या से माता को प्रसन्न इसी स्थान। पर किया था। 

इसके बाद महाभारत काल में पांडवो ने यहां मन्दिर बनाया लेकिन वे भी इस मन्दिर की छत नहीं बना पाए इसके बाद बहुत से लोगो ने कोशिश की लेकिन असफल रहे,मन्दिर के आस पास भीम द्वारा रखी हुई कुछ शिलाए भी है जो आकार में तो बहुत बड़ी है लेकिन यदि आप हलका हाथ उन पर रखे तो हिलना शुरू हो जाती है ओर यदि आप अपनी ताकत का प्रयोग करेंगे तो शीला बिल्कुल भी नहीं हिलेगी। मन्दिर पर कभी बर्फ नहीं गिरती परंतु मन्दिर के चारो ओर काफी बर्फ पड़ती है इस तरह के चमत्कारी मन्दिर ओर आस पास के बेहद ही खूबसूरत दृश्य को देखने आपको जरूर जाना चाहिए परन्तु सावधान मन्दिर तक का रास्ता सर्दियों में बर्फ के कारण सही नहीं रहता ओर जंगली जानवरो का खतरा रहता है इस इलाके में सनो लेपर्ड का खतरा रहता है। इसलिए आप मंडी शहर या इसके पहले आने वाले कस्बों मे लोकल लोगो से आगे रास्ते का जायजा लेकर ही आगे बड़े यहां प्रशासन द्वारा जगह जगह चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए है इसीलिए सही समय में यहां आए ओर यदि सर्दियों में बर्फबारी के दौरान आना है तो शुरुआत के दोर में आए जब बर्फ पड़ना स्टार्ट ही होती है लेकिन आस पास लोकल से पूछ कर ही आगे बड़े। 

Temple 2

कमरू नाग मन्दिर

हिमाचल के जिला मंडी मे कमरू नाग मन्दिर है ओर यह मन्दिर अपने इतिहास ओर रहस्यमी घटनाओं के लिए प्रसिद्ध है मन्दिर में देव कमरूनाग की स्थापना हुई ओर इस मन्दिर का इतिहास भी पांडवो से जुडा है मन्दिर की स्थापना पांडवो ने कि थी ओर मन्दिर की झील में पांडवो ने अपने आभूषण छिपाए थे आज भी लोग मन्दिर प्रांगण में मौजूद झील में पैसे सिक्के चड़ाते हैं लेकिन कोई भी इस झील से पांडवो के सोने के आभूषण ओर इस झील में दिखते हुए सोने को निकालने तो दूर कि बात छूने कि भी हिम्मत नहीं जुटा पाता जिसने भी ये कोशिश कि है कहते हैं कि मन्दिर की शक्ति की वजह से व्यक्ति या तो निकाल नहीं पाता या निकालने के तुरंत बात व्यक्ति के साथ हादसा हो जाता है ओर निकला गया पैसा आपने आप झील मे समा जाता है।
इस मन्दिर की ओर रहस्यमय कहानी सुनने ओर मन्दिर के आस पास की सुंदरता निहारने के लिए आप यहां आ सकते हैं। कमरूनाग को बारिश का देवता भी कहा जाता है ओर यहां तक वाहन नहीं पहुंचते आपको कुछ पैदल यात्रा करनी होगी इसीलिए यहां बारिश का भी डर रहता है तो अपनी तयारी रखे क्योंकि देव कमरूनाग को बारिश का देवता भी कहते हैं ओर हो सकता है कि वे आपना आशीर्वाद आपको बारिश के रूप में दें।

Temple 1

श्रीखंड महादेव

बात करते अपने टॉप 12 लिस्ट के नंबर 1 मन्दिर की आप समझ ही गए होंगे कि ये मन्दिर टॉप 1 में है तो जरूर कुछ बड़ी बात होगी, जी हां बात बड़ी नहीं बात बहुत बड़ी है क्योंकि श्रीखंड महादेव तक जाने कि सलाह या अनुमति कोई भी सरकार आधिकारिक तोर पर केवल 2 महीने के लिए देती है या तीन माह इससे अधिक नहीं देती ओर लोगो की सहायता के लिए सरकार के विशेष पुलिस जवानों कि टुकड़ी श्रीखंड महादेव की यात्रा में आपको बीच बीच में जरूर आपको दिखाई देगी वो भी केवल एक निश्चित अवधि में होते हैं हमेशा नहीं। ये 2 या तीन माह अमूमन मई जून या जून जुलाई रहते हैं अब इसकी जानकारी आप ऑनलाइन भी ले सकते हैं ।

मन्दिर कोई भव्य इमारत तो नहीं केवल चट्टान है वो भी लग भग 70 फिट के आस पास, मन्दिर के पास या पूजनीय चट्टान तक पहुंचने के लिए केवल साहस नहीं भक्ति की भी आवश्कता है ऐसा यहां पहुंचने वाले लोग भी बताते हैं कि बहुत से लोग यात्रा पूरी नहीं कर पाते चाहे वो कितने ही फिट हो लेकिन यहां नहीं पहुंच पाते, बहुत से लोग तो यात्रा के दौरान है अपनी अंतिम यात्रा पर चले गए ओर बहुत से लोग शिवलिंग के करीब पहुंचने वाले थे कि वे मृत्यु को प्राप्त हुए । 

यह मन्दिर हिमाचल के कुल्लु जिले के गावों जाओं में है ओर यहां से तीन किलोमीटर कि यात्रा सिंघाड़ गावों तक होती है ओर यही पहली बार आपकी रजिस्ट्रेशन ओर आपकी डिटेल ली जाती है इसके बाद एक लम्बी पैदल यात्रा श्रीखंड महादेव के लिए शुरू होती है आप तभी यहां आए यदि आपने काफी लम्बी लम्बी पैदल यात्रा की हो ओर आस्था तो होनी ही चाहिए पैदल यात्रा कैलाश यात्रा से भी भयावह है दृश्य केवल सुन्दर ओर आकर्षक ही नहीं है बल्कि खतरनाक दृश्य ओर आपके रोंगटे खड़े कर देने वाले प्राकृतिक दृश्य भी आपको दिखेंगे ।


मन्दिर तक यदि काफी लोग जा रहें हो तो समझ जाइए की लोग काफी संख्या में श्रीखंड महादेव भी पहुंच गए होंगे ओर जिसके परिणाम कुछ ही समय बाद आपको दिखने लगेंगे मतलब कि कुछ लोग की तो bodies पुलिस के जवान या लोकल लोगो द्वारा वापिस लाते हुए आपको दिखेंगे इस दृश्य को देख कर आपकी सारी हिम्मत ओर फिटनेस ख़तम होती आपको महसूस होगी ओर हो सकता है आप वापिस जाना जरूरी समझे लेकिन यदि आप में महादेव के लिए अपार भक्ति है तो आपको कोई भी दृश्य नहीं रोक पायेगा लेकिन आपको भय महसूस हो या रास्ते मुश्किल लगे तो शिव भक्ती को सिद्ध करने हेतु कोई भी जबरदस्ती ना करे आपको अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ सकता है तूरंत वापिस आए ओर जिंदगी रही तो फिर आप कभी कोशिश कर सकते हैं नहीं भी कर पाए तो ईश्वर की खोज आप अपने भीतर भी कर सकते है जीदी होने से आपके परिवार को कुछ हासिल नहीं होगा । लेकिन भक्ती अटूट हो ओर आपको लगे कि आप जा सकते हैं आपको दृश्य देख कर डर ना लगे आपका स्वास्थ्य ठीक रहे तो वापिस हठने का तो सवाल ही नहीं होता आप श्रीखंड महादेव जाकर स्वर्ग की ओर शिवलिंग के दर्शन करे ।


ये साइंटिफिकली सिद्ध है श्रीखंड महादेव की यात्रा दुनिया की सबसे ख़तरनाक यात्रा में से एक है। यात्रा के दौरान एक समय ऐसा भी आता है जब आपको दो पैर एक साथ रखने की जगह नहीं मिलेगी ओर बेहद खतरनाक उतराई ओर सीधी चड़ाई का सामना आपको करना होगा क्योंकि यह यात्रा बरसात के महीनों में ही खुलती है तो आप समझ सकते हैं कि हम किस प्रकार के रास्तों कि बात कर रहे हैं एक समय ऐसा भी आएगा जब आपको चारो तरफ बर्फ से लदे पहाड़ दिखाई देंगे लेकिन कोई भी पेड़ या छोटा पोधा भी नहीं होगा ओर ओक्सीजन धीरे धीरे आपको कम ही महसूस होगी लेकिन जब आप यात्रा पूर्ण कर लेंगे तो इस कामयाबी को ओर श्रीखंड महादेव के दर्शन को हमारे लिए शब्दों में बयां करना सम्भव नहीं हैं।

बात करते है यहां से जुडी कहानी की तो भस्मा सुर राक्षस को महादेव ने वरदान दिया कि वो जिस पर भी हाथ रखेगा वो जल कर राख हो जाएगा तो राक्षस ने इस वरदान का दुरपयोग करना शुरू किया ओर देवताओं को भी जलाना उस राक्षस ने शुरू कर दिया देवता डर के मारे भागने लगे इसके बाद इस राक्षस ने भगवान शिव पर ही इस शक्ति का प्रयोग करने को सोचा ओर वह महादेव के पीछे लग गया इस पर महादेव भी अदृश्य हो गए ओर कहा जाता है कि काफी समय तक महादेव इसी पहाड़ पर एक शिला के रूप में तपस्या में लीन रहे ताकि वो राक्षस उन्हे ना खोज सके ।

इसके बाद भगवान विष्णु ने उस राक्षस का अंत स्त्री रूप धारण कर किया लेकिन महादेव शिला मे ही तपस्या मे रहे ओर वे शिला से बाहर नहीं आ रहे थे इस पर माता पार्वती ने भी इसी स्थान पर उनकी तपस्या की तब भगवान शिव शिला रूप त्याग कर वापिस अपने अवतार मे आए वही शिला श्रीखंड महादेव में शिवलिंग चट्टान के रूप में आज भी है। इसके बाद महाभारत काल में जब पांडव वन वास मे थे तो भीम ने इसी स्थान पर अपनी तपस्या की ओर देवताओं को प्रसन्न किया ओर अन्य पांडवो ने भी इसी स्थान पर वन-वास कुछ समय के लिए बिताया ओर इसी स्थान पर भीम द्वार भी है, भीम ताल ओर उनके द्वारा निर्मित स्वर्ग सीढ़ी भी मौजूद है जो कि किसी कारण वश महाबली भीम पूरी नहीं कर पाए थे।

सफ़र मे कुछ स्थान तक आपको लंगर की व्यवस्था मिलेगी ओर बीच बीच में लोकल लोग भी मिलते रहेंगे जो आपको आगे की यात्रा के बारे में बताएंगे ओर जानकारी देते रहेंगे लेकिन कोशिश करे कि जब आप सबसे पहले पैदल यात्रा शुरू करें तभी आप लोकल से सारी जानकारी ले ओर किस तरह का सामान रखना है ये भी जान लें क्योंकि रास्ता संकरा है तो ज्यादा सामान रखना भी मौत को दावत देने जैसा होगा ।

हम आपको यहीं कहेंगे पहले कभी ऊंचाई वाली जगह मे आपने कोई भी यात्रा नहीं कि है तो बिल्कुल भी ना जाए यहां बहुत बार 60 वर्ष कि आयु से अधिक के लोगो को यात्रा पूरी करते देखा गया है तो आप समझ सकते हैं कि यहां शारीरिक फिटनेस से ज्यादा मानसिक फिटनेस की जरूरत है क्योंकि एक समय ऐसा आता है जब आपको केवल रास्ता देखना होता है ओर पांवों को एक के बाद एक करके रखना होता है एक साथ पांव रखने कि जगह भी नहीं होती है। 


हमने अपने इस ब्लॉग में आपको हिमाचल के कुछ मंदिरों कि जानकारी दी इसने हमने 12 मंदिरों के बारे में आपको बताया जो कि बहुत ही प्रसिद्ध है ओर प्रकृति की खूबसूरत वादियों के बीच में है हमने नंबर या रैंक वहां आस पास की खूबसूरती को देखते हुए दिए है किसी मन्दिर की देवीय शक्ति को नंबर देने कि हमारी ना ही मंशा है ओर ना ही कोई हैसियत,क्योंकि हिमाचल देव भूमि है तो यहां अनेक शक्तिशाली और चोंका देने वाले रहस्यमय मन्दिर है लेकिन हम केवल इतने ही बता पाएंगे,  उपर बताए गए तमाम मंदिरों में यदि आप जाने वाले हैं तो उसके लिए आप उचित जांच पड़ताल पहले ही कर लें उसके बाद ही कोई फैसला लें ओर श्रीखंड महादेव मंदिर के बारे में तो सभी रिस्क हमने बता ही दिए है। इसलिए आप इन सभी मंदिरों कि यात्रा अपने रिस्क पर करें। हमने पूरी कोशिश कि है आप तक सही जानकारी पहुंचे । 







2 comments

Unknown said...

BEST INFORMATION THANK YOU

Sakshi said...

Himachal Pradeshis called "Dev Bhumi," which translates to "Land of the Gods" or "Abode of the Gods. himachal tour package

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