महिला सशक्तिकरण | Women Protection Law in Hindi

भारत मे महिलाओं की दशा व महिला सुरक्षा कानून

Pixabay
 
 Picture source :- Pixabay



  1. महिला सशक्तिकरण
  2. घरेलू हिंसा अधिनियम 2005
  3. जीरो FIR क्या होती है।
  4. भारतीय दण्ड संहिता में महिलाओं के सुरक्षा कानून।
  5. 2023 के नए बिल भारतीय न्यायिक संहिता में महिला सुरक्षा कानून के नए बदलाव।
  6. भारत में नए महिला सुरक्षा हेल्प लाइन नम्बर।





भारत देश बहुत सारी संस्कृति और त्यौहारों का देश है, बहुत सारी जाती और धर्मो का देश हे, महिलाओं को सम्मान देने वाला देश है, लेकिन जरा ठहरिए केवल सम्मान और वो सम्मान इस लिए नही की उसे इस देश के लिए बहुत से बड़े बड़े काम करने हैं या अपने कन्धों पर  बड़ी जिम्मेदारी निभानी है बल्कि इस लिए क्योंकि उसे केवल घर गृहस्थी संभालनी है, आप इस पोस्ट को तभी पड़े यदी आप सभी को एक सम्मान दृष्टि से देख सकते हो इस ब्लॉग को तभी पढ़े यदि आप देवी की पूजा करते हों तो एक औरत का भी सम्मान करते हों।




लेकिन क्या ये आज भी भारत के सामने बड़ा सच है क्या आज भी आप लोग यही समझते हैं, की महिलाएं आज भी भारत मे कमजोर ही होंगी तो इसका जवाब बिल्कुल ना में तो हम नही दे सकते, लेकिन हम ये भी नही कह सकते कि 5G के भारत मे भी महिलाएं उतनी ही कमजोर हैं जितनी कि पुराने समय मे महिलाएं हुआ करती थी।


1.महिला सशक्तिकरण

आज भारत 15 अगस्त 2023 को अपना आज़ादी का 77वा दिवस मना चुका हैं। और आज भारत दुनिया के कुछ शक्तिशाली मुल्कों में जाना जाता है,आज भारत के पास हर वी टेक्नोलॉजी है जो दुनिया के अमीर और शक्तिशाली देशों के पास ही होती थी। आज भारत स्पेस से लेकर जमीन और समुद्र हर जगह दुनिया के बड़े मुल्कों के सामने एक चूनोती बन चुका है।





लेकिन फिर भी आज हम महिला सशक्तिकरण पर बात कर रहें हैं। ऐसा नही है कि दुनिया मे भारत अकेला ऐसा देश है जो इस समस्या से जुझ रहा है। दुनियाभर में ताकतवर देश भी इस मानसिकता से जुझ रहे हैं, ये तो हमारे लिए एक अच्छी बात है कि भारत वर्षो से इस मुद्दे पर पूर्ण जोर से काम कर रहा है,इसी का परीणाम है कि भारत की महिलाओं ने आज हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा दिया है। चाहे वो टेक्नोलॉजी का क्षेत्र हो या रक्षा का महिला अब हर जगह बराबर योगदान दे रही है।



लेकिन फिर भी कुछ जगह महिला के प्रति बढ़ते अपराध बार बार इस देश की कानून व्यवस्था पर प्रशन खड़े करता है।आखिर क्यूं इतने समय बाद भी लोगो का व्यवहार और मानसिकता बदल नही रही तब की बजाए जब भारत मे महिला हर क्षेत्र में आगे है।


महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसा कतई नही की हमारे देश मे महिला सुरक्षा कानून नही है। कानून तो बहुत है। लेकिन नारी को आत्मनिर्भर बनाना बहुत जरूरी है,तभी वो इतना सामर्थ रख सकेगी की वो आगे आये और कानून का दरवाजा खटखटाये ।

हमारे कानून ने नारियों की सुरक्षा के लिए बहुत से कानून तो बनाये हैं। जो आपकी हर क्षेत्र में मदद करेंगें लेकिन वो हम आगे डिसकस करेंगे। इसी पोस्ट के अंत मे।




हमारा मानना ये है कि महिलाओं को केवल रसोईघर तक ही सीमित नही रहना चाहिए । शहरों में एक बड़ी फोज आज के समय मे महीलाओं की है जो हर क्षेत्र में आगे है। लेकिन हमारी इस बात का ये कतई मतलब नही है कि एक गृहणी का भारत में कोई योगदान नही। परन्तु ये भी मानते हैं, कि गृहणी भी अगर संस्कारो के साथ साथ कुछ शिक्षित हो तो वो हमारे आने वाले भविष्य में नई पीढ़ी को ओर भी ताकतवर ओर समझदार बना सकती हे उनका भी भारत के विकास में अतुलनीय योगदान होगा और रहा भी है।


दोस्तो जो भी आज के समय के युवा युवतियां हे या जो पहले के समय के लोग हैं उन्होंने ये महसूस भी किया होगा की हमारे मां बापू ने भी हमे स्कूल काम शिक्षित नहीं किया उन्हें अपने जमाने में इतनी सहूलियत और इतनी शिक्षा भी नही मिली लेकिन फिर भी आज की पीढ़ी उनके दिमाग की मिसाल देती फिरती है , ऐसा संस्कार और एथिक्स की वजह से भी हो सकता है लेकिन उन्ही लोगो अगर आज की सहूलियत और इतनी शिक्षा मिली होती तो मुझे लगता है की आज की पीढ़ी तो फिर उनके आगे कुछ भी नही होगी। 







महिला अपराध

आज जैसा कि हमने कहा महिला हर क्षेत्र में आगे है। तो उनके हर जगह कुछ नीच लोगो की मानसिकता का सामना तो करना ही पड़ता है। जैसे कि वर्क प्लेस में महिलाओं के साथ छेड़ छाड़ इत्यादि । महिला योन अपराधों की संख्या दिन प्रति दिन बड़ती ही जा रही है। एक समय तो ऐसा भी था जब महिलाएं अपनी आवाज उठाती ही नही थी।



अपराध केवल यहीं तक सीमित नही है। ये अपराध उनके घर पर उनके अपनो के कारण ज्यादा होते हैं। जैसे महिला के खिलाफ घरेलू हिंसा होना वो भी उनके सास ससुर या पतियों द्वारा होना इसके पिछे वजह जो भी हो लेकिन साफ तौर पर समाज की पिछड़े  पन की सोच और पुरानी मानसिकता को किसी भी हालत में ना छोड़ने की जीद को जिम्मेदार मानते हैं।






महिला सुरक्षा कानून

2023 के भारत मे भी महिलाओं को दबाया जा सके ऐसा संभव नही। आजकल तो भारत मे बड़े बड़े पदों पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या बढ़ रही है । यदि आप बात देश के बड़े बड़े पदों की करे तो हमे लगता है कुछ बताने या कहने की जरूरत नही चाहे पुलिस हो, सिविल सेवा हो,न्यायिक विभाग हो इन सभी जगह पर महिलाएं पहले समय के मुताबिक अब बहूत ज्यादा है।

बस महिलाओं को अपने साथ हो रहे अत्याचार के लिए एक बार बाहर आने की आवश्यकता है । बात करते हैं कुछ महिला सुरक्षा कानून की।


2.घरेलू हिंसा अधिनियम 2005

 वर्ष 2005 में महिलाओं के लिए एक कानून शक्ति में आया जिसका सीधा सा मकसद था महिलाओं के प्रति हो रही घरेलू हिंसा को रोकना जिसकी भारत के कानून में घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के नाम से पहचान है,यदि किसी महिला के साथ किसी तरह की हिंसा घर पर होती है तो महिला अपने नजदीकी पोलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कर सकती है ।




यहां तक कि किसी काउंसलर की भी मदद ली जा सकती है,ऐसा नही है कि रिपोर्ट करने के तुरंत बाद ही पुलिस मामले को अदालत पहुंचा देगी,बल्कि आज के समय मे मामले को सुलझाने पर भी जोर दिया जाता है, लेकिन फिर भी यदि मामला ना सुलझे तो कानूनी कार्यवाही की जाती है।

घरेलू हिंसा में दर्ज रिपोर्ट क्रिमिनल नही बल्कि सिविल मानी जाती हे इसीलिए ऐसे अपराधों में सेक्शन 31 के तहत केवल एक वर्ष की सजा होती हे, ओर कुछ जुर्माने का भी प्रावधान है, जो की पति को सबक सिखाने के लिए पत्नियों का हथियार है, लेकिन ध्यान रहे हालांकि ये act पतियों को सिक्योर नही करता लेकिन पति भी ऐसी शिकायत अदालत या पुलिस के समक्ष रख सकते है, लेकिन उन्हें सबूत पुख्ता रखने होंगे। 2023 तक इसमें और भी कड़े बदलाव हो चुका हे अब पोलिस और भी मुस्तैदी से कार्य करती है ओर वूमेन कमीशन की पावर में भी इजाफा हुआ हे। 







3.जीरो FIR क्या होती है

जीरो ऑफ आई आर का सीधा सा मतलब है यदि महिला के साथ जिस स्थान पर ये अपराध हुआ हो वहां वो अपराध की रिपोर्ट दर्ज ना करवा सके या वहां वो महिला असहज महसूस करें तो वो महिला कहीं भी किसी भी माध्यम से रिपोर्ट पोलिसी स्टेशन में करवा सकती है,मतलब की महिला अपने साथ हो रहे अपराधों की रिपोर्ट किसी भी शहर की पुलिस स्टेशन में दर्ज करवा सकती है। ओर यदि महिला पुलिस के पास नही आना चाहती है तो वो किसी भी माध्यम से जैसे इनटरनेट पत्र और अन्य माध्यमों से रिपोर्ट दर्ज करवा सकती है।




जहां तक कि बात हमारे भारत के संविधान की है तो भारत का संविधान तो पहले ही एक सम्मान अधिकार सभी नागरिकों को देता है जैसा कि हमारे फंडामेंटल अधिकारों में बताया गया है।
सविधान सरकार को महिला सुरक्षा के लिए कुछ नए नए कानून बनाने की पूरी आजादी देता है।

4.भारतीय दण्ड संहिता में महिलाओं के सुरक्षा कानून।

बात करते हैं भारतीय दण्ड संहिता की तो इसमें भी महिला सुरक्षा के लिए बहुत से कानून हैं, कुछ तो हम अक्सर सुनते भी हैं,
क्या आप जानते हैं की यदि महिला शादी के सात साल या सात साल की समय सीमा में कभी भी पीड़ित या ऐसी अवस्था में पाई जाती हे जिससे लगे की उसके साथ मार पिट हुई है, ओर ऐसा उसकी मृत्यु से पहले हुआ हे तो पति और उसके परिवार वालो को भारतीय दण्ड संहिता के 304B के अनुसार  कम से कम सात वर्ष की सजा हो सकती है ओर भारतीय दण्ड संहिता के 302 के अनुसार उम्र कैद की सजा भी हो सकती है। 

यदि पति और उसके परिवार वाले जबरदस्ती पत्नी का गर्भपात करवाते हैं तो उसके लिए भी कानून में प्रावधान है,जिसके तहत पति को कम से कम 10 वर्ष की सजा और उम्रकैद भी हो सकती है,जिसका जिक्र भारतीय दण्ड संहिता के धारा 312 से 318 तक मिलता है जिसमे अलग अलग तरह और कंडीशन के अपराध जो की भ्रूण हत्या और भ्रूण गिराने से संबंधित है।

यदि कोई व्यक्ति महिला पर किसी तरह की जोर आजमाइश करता है, जिससे की उस महिला की लाज पर आंच आती है तो इसे अपराधों में भी महिला शिकायत कर सकती है, ओर इसे अपराधों में अपराधी को कम से कम एक वर्ष की ओर अधिकतम 5 वर्ष पोल सजा निर्धारित की गई है। ऐसे अपराधों में बेल मिलना मुश्किल है,यह धारा 354 में निर्धारित है।


यदि कोई व्यक्ति किसी महिला का उत्पीड़न करने की कोशिश करता है ओर उसे जबरदस्ती छेड़ छाड़ या फिजिकल कॉन्टेक्ट की कोशिश करता है , या किसी गंदी हरकत करने के लिए उसे बार बार परेशान करता है उसे जबरदस्ती इस सीन दिखाने की कोशिश करता है जिससे महिला असहज महसूस करे लेकिन उसकी मंशा उसे उसके साथ गंदा काम करने के लाइट प्रेरित करना हो तो ऐसे अपराधों में कम से कम 3 वर्ष की सजा हो सकती हे।

यदि कोई व्यक्ति महिला की इजाजत के बिना ही उसकी कुछ पिक्चर और फोटोग्राफ लेने की कोशिश करता है या लेता है , ओर वह भी प्राइवेट कार्य करते हुए जिस समय महिला किसी के भी होने की इच्छा नही रखती ऐसे समय में खींची गई उसकी फोटो एक क्रिमिनल ऑफेंस व अपराध माना जायेगा , ओर ऐसे अपराधों में व्यक्ति को कम से कम एक वर्ष की सजा होती है ओर जिसे 3 वर्ष तक बड़ाया जा सकता है ।
लेकिन वही व्यक्ति उन फोटोज को पब्लिक में शेयर करता भी है या अपने दोस्तो को ओर आस पास के लोगो को भी दिखाता है तो इसे अपराधों में कम से कम 3 वर्ष और 7 वर्ष तक बड़ाया जा सकता है।

यदि कोई व्यक्ति महिला को किसी पब्लिक प्लेस या इंटरनेट के जरिए किसी वेबसाइट से या किसी दूसरे जरिए से महिला को फॉलो करता है किसी गंदे इरादे से तो इसे व्यक्ति को कम से कम 3 वर्ष की सजा हो सकती हे , लेकिन यदि वह व्यक्ति इस अपराध को दुबारा करता है तो उस व्यक्ति को कम से कम 5 वर्ष की सजा व जुर्माना हो सकता है , ओर जमानत मिलना भी मुश्किल होगा। इस सभी के बारे में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 354a से 354d तक बताया गया है।

बात करते हैं अब जघन्य अपराध की यानी बलातकार, ऐसे अपराध सभी देशों में बड़ रहे हे चाहे वो विकसित देश हो या कोई विकासशील देश , लेकिन बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए भारत में कानून मोजूद है लेकिन भारत की तमाम अदालतों के प्रयासों से कानून में बहुत ही तब्दीली भी आई है।


जेसे पहले केवल 7 वर्ष से लेकर और उमर्केद की सजा का ही प्रावधान था जिसमें उमर्केद तो बहुत कम मामलो में होती थी, लेकिन जेसे अपराध बड़े ओर क्रूरता बड़ने लगी अदालतों ने भी अपना रुख बदलना आरम्भ किया देश की तमाम अदालतों ने कई हाई कोर्ट ने यह तक कहा कि ऐसे अपराधों में (बलात्कार) आरोपी कम उम्र का है इसलिए उसको कम सजा देना बंद करो यदि वह बलात्कार जैसे संगीन जुर्म को कर सकता है तो उसे भी फांसी दी जा सकती हे। जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने अपना रुख बदला और कम उम्र के अपराधी से भी कड़ा रुख रखना आरंभ किया। ऐसे केस भी हे जहा देश की सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिक लडकी से बलात्कार पर और उसकी हत्या होने पर आरोपी को सीधा फांसी के फंदे पर पहुंचाने के आदेश देश की तमाम अदलतों को दिया, जिसके बाद देश की सरकार ने भी कानून में तब्दीली की ओर ऐसे अपराधों में फांसी की सजा का प्रावधान किया। 


भारतीय दण्ड संहिता में महिलाओं के सुरक्षा हेतु बहुत से कानून मोजूद है बस जरूरत हे महिला के जागने की।


5.2023 के नए बिल भारतीय न्यायिक संहिता में क्या है  महिला सुरक्षा कानून में प्रमुख बदलाव।

2023 के नए बिल के अनुसार जो की अभी तक कानून नही बना हे लेकिन इसे पार्लियामेंट के मानसून सत्र के अंतिम दिन पेश किया गया उसके अनुसार अब सीधा सीधा रेप जेसे आरोपों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान है, पहले फांसी दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट का वकीलों को अपनी आर्जुमेंट में रिफरेंस देना पढ़ता था अब इसे सीधे कानून में जोड़ दिया गया हे, ओर नाबालिक से ऐसे अपराधों में फांसी की सजा का प्रावधान है।
जीरो एफआईआर को भी नए act में कोर्ट की गाइडलाइन अनुसार बेहतर तरीके से एक्सप्लेन किया है।


6.भारत में नए महिला सुरक्षा हेल्प लाइन नम्बर।

वूमेन हेल्प लाइन Govt Website 👈
National Commission for Women Helpline  👉
7827170170
Central Social Welfare Board -Police Helpline  👉1091/ 1291, (011) 23317004
Shakti Shalini 👉10920
Shakti Shalini - women's shelter(011) 24373736/ 24373737
SAARTHAK(011) 26853846/ 26524061
All India Women's Conference10921/ (011) 23389680
JAGORI(011) 26692700
+918800996640
Joint Women's Programme (also has branches in Bangalore, Kolkata, Chennai)(011) 24619821
Sakshi - violence intervention center(0124) 2562336/ 5018873
Saheli - a womens organization(011) 24616485 (Saturdays)
Nirmal Niketan(011) 27859158
Nari Raksha Samiti(011) 23973949
RAHI Recovering and Healing from Incest. A support centre for women survivors of child sexual abuse(011) 26238466/ 26224042, 26227647

 

Legal Aid

Help Available onContact
Human Rights Law Network runs Madhyam Helpline and provide Legal Services(011) 24316922/ 24324503
Lawyers Collective Womens Rights Initiative LC WRI runs a pro-bono legal aid cell for domestic violence cases(011) 24373993/ 24372923
MARG (Multiple Action Research Group)(011) 26497483 / 26496925
Delhi Police HELPLINE1091
Delhi Commission for Women(011) 23379181/ 23370597
Women's Cell, Delhi PoliceSee Link
National Human Rights Commission(011) 23385368/9810298900
Pratidhi(011) 22527259
Information and Services related with AIDS : Govt AIDS Helpline1097
Child Line- is a 24-hour, FREE, nation-wide phone outreach emergency helpline for children in need of care and protection. for more information Click here1098
CATS - Centralised Ambulance for Trauma Services - Delhi Govt.1099
Counselling Services on Women in Distress - Organised by Delhi Police3317004
Sarthak - Career Guidance and Counselling for young people9628052777, 9628019278, 9628019279
Helpline on Breathing Problems - Organised by Better Breathers Club of India9628015969, 9632154536, 9628005278
Hotline for Brain Attack5792090, 5794733






यदि महिला किसी नंबर को याद ना भी रख पाए तो वो सीधे इमरजेंसी में 1091 पर या 100 पर सीधे कॉल करें या इन सब में रिस्पॉन्स नही आ रहा तो 108 में भी कॉल किया जा सकता है 108 वैसे तो मेडिकल इमरजेंसी के लिए हे, लेकिन दूसरे नंबर से रिस्पॉन्स न मिलने पर आप 108 पर भी अपनी समस्या बता सकते हे व उनसे अपनी कॉल पुलिस में ट्रांसफर करने हेतु बोल सकते हैं लेकिन यदि 1091 डायल करते है तो इसमें रिस्पॉन्स अवश्य मिलेगा।





अभी आजादी के इस पर्व के बाद हम सभी समाज के हर दबके के लोग इस देश को आगे बढाने ओर महिलाओं को समाज मे हर अधिकार देने के लिए अपने आप को प्रतिबद्ध करें उन्हें बेहतर माहौल देने की प्रतिज्ञा लें। 




दोस्तों ये भी सच है कि महिलाओं के लिए बनाए जाने वाले कानून कभी कभी कुछ शरीफ लोगों के लिए गले का फंदा भी बन जाते हैं, इसके पीछे कुछ महिलाओं में आपराधिक मानसिकता होती है। लेकिन हमे सभी को सम्मान अधिकार देने पर ही विश्वास करना है,ओर ऐसे लोगो को कानून की भाषा मे ही जवाब देना है।


नॉट- आपको हमारा ब्लॉग कैसा लगा जरूर बताएं ब्लॉग को शेयर करें ताकि सभी तक जानकारी पहुंच सके किसी ओर जानकारी के बारे में जानने हेतु हमे जरूर बताएं।


Picture Source - Pixabay






No comments

Powered by Blogger.