Court Marriage Process in Hindi

 इस ब्लॉग का उद्देश्य केवल इतना ही हे की आप सभी कोर्ट मैरिज के सही से समझ पाएं आज के दौर में वैसे तो हर कोई अपनी शादी को बेहद ही अलग अंदाज में धूम धाम से करना चाहता हे ताकि हर किसी का ध्यान उस पर जाए लेकिन ये भी सत्य हे की मां बाप का भी ये सपना होता है की वे अपने बच्चे को शादी अच्छे से करें आखिर पूरी जिंदगी उन्होंने इसी दिन के लिए मेहनत की होती है। लेकिन फिर भी अब लोगो की सोच बदल रही है अब सभी फिजूल खर्चों से बचना भी चाहते हैं।


Kuchnyaa



लेकिन बात करे कोर्ट मैरिज की तो इसके लिए समाज में ओर भी बाते या मुद्दे जिमेवार हे, ये बात तो भारत में अब आम हे की मां बाप बच्चे की मर्जी से कई बार संतुष्ट नहीं होते तो बच्चे खुद कोर्ट मैरिज करने का फैसला करते हैं, कोर्ट मैरिज किन परिस्थितियों में होती है या नही हो सकती तो आपको सब कुछ विस्तार से बताएंगे। देखिए क्या सही है या गलत इस पर हम बात नही करेंगे हम सिर्फ आपको कानूनी रास्ता बताएंगे की आप कैसे कोर्ट मैरिज कर सकते हो और किन परिस्थितियों में नही कर सकते।


कोर्ट मैरिज Court Marriage 

सबसे पहले तो ये समझ लीजिए कि कोर्ट मैरिज क्या हे, कोर्ट मैरिज का सीधा सा मतलब हे की आप अथॉरिटी के सामने अपनी शादी को रजिस्टर कर रहे हो, इसका फिल्मी दुनिया से कोई मतलब नहीं है। अधिकतर फिल्मों में दिखाया जाता है की आप न्यायलय के पास जा रहे हे शादी करने आपकी सीधी सी बात बता दे की न्यायलय के पास इतना समय नहीं होता की हर शादी को ध्यान से देखे करवाए। इसका सीधा सा अर्थ होता है पंजीकरण जो की आपकी नजदीकी ग्राम ऑफिस में भी हो सकता है नगर पालिका में व डिविजनल मजिस्ट्रेट के कार्लय में भी हो सकता 
हे, आपको केवल पंजीकरण का (certificate) सर्टिफिकेट लेना होता है, ओर हो गई आपकी शादी।

क्या हे कोर्ट मैरिज का प्रोसेस।

अगर आपकी शादी में कोई विवाद नही हे और आप केवल रजिस्ट्रेशन के लिए कोर्ट मैरिज चाहते है तो आप शादी स्वयं कर लीजिए या आप अपने नजदीकी एडवोकेट से संपर्क करके उनसे शादी करने की बात कहें वह आपकी शादी किसी मंदिर में करवाएंगे लेकिन याद रखें कि वह मंदिर रजिस्टर्ड मंदिर होना चाहिए। लेकिन यह सभी बातों का ज्ञान आपके एडवोकेट को होगा इसीलिए आप शादी कोर्ट मैरिज करने से पहले अपने एडवोकेट से जरूर मिले एक बार मंदिर में शादी होने के बाद वह मंदिर से शादी का सर्टिफिकेट पंडित जी से लेने के बाद आप आगे की कार्यवाही शुरू कर सकते हैं, इसके बाद शादी के सर्टिफिकेट को नजदीकी न्यायालय व रजिस्ट्रार ऑफिस में या अपने ग्रामपंचायत ऑफिस में भी दे सकते हैं एक बार यदि आपका शादी का सर्टिफिकेट ग्राम ऑफिस द्वारा स्वीकार कर लिया जाए और आपका व आपकी पत्नी का नाम वहां दर्ज हो जाए तो आपकी शादी पूरी हुई।


यदि आपका नाम व आपकी पत्नी का नाम नजदीकी ग्रामपंचायत मैं रजिस्टर्ड हो चुका है तो आपकी शादी पूर्ण हो चुकी है लेकिन फिर भी यदि आप अपनी शादी का पक्का सबूत चाहते हैं तो ग्राम पंचायत ऑफिस मैं रजिस्टर्ड होने के बाद भी आप शादी को अपने नजदीकी रजिस्ट्रार ऑफिस या सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के कार्यालय में भी रजिस्टर्ड करवा सकते हैं यह कोई लंबा प्रोसेस नहीं होता इसके लिए भी आपके अधिवक्ता द्वारा एक फॉर्म अप्लाई किया जाता है और एप्लीकेशन मूव की जाती है कार्यालय द्वारा संतुष्ट होने के बाद वह 1माह में आपको शादी पंजीकरण का सर्टिफिकेट दे देते हैं, यह आपके कई तरह की सरकारी सुविधाओं ओर सरकारी योजनाओं में काम आएगा और एक शादी का पक्का प्रमाण भी आपके पास हो जाएगा।

यदि आपकी शादी में हे कोई विवाद।

यदि आपकी शादी में कोई विवाद है वह आपके अपने लोग शादी के पक्ष में नहीं है तो भी आप कोर्ट मैरिज के लिए अप्लाई कर सकते हैं इसके लिए सबसे पहले अपने अधिवक्ता से मिले उन्हें अपनी शादी का विवाद का करण उन्हें बताएं, उदाहरण के तौर पर यदि आप इंटर कास्ट शादी कर रहे हैं तू भी इसमें कोई समस्या नहीं है आपकी शादी हो सकती है, यदि आप दोनों का धर्म अलग-अलग है तू भी आपकी शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हो सकती है हां यदि दोनों का धर्म अलग-अलग है तो भी शादी हो सकती है। इस प्रक्रिया में एक मास लगता हैं लेकिन शादी कानून के मुताबिक हो सकती है। इस 1 माह की अवधि को नोटिस पीरियड कहते हे।



एक बात हमेशा ध्यान रखें जो की सबसे जरूरी है की शादी के लिए वर वधु की एक निश्चित उम्र कानून द्वारा निर्धारित की गई है यदि आप उस कानून का उल्लंघन करते हैं तो आपके लिए मुश्किलें पैदा हो सकती है लड़का या लड़की ज्यादातर लड़की पक्ष की और से जबरन शादी व किडनैपिंग का भी आप पर आरोप लग सकता है इसीलिए परिवार की मर्जी दिए बिना शादी कर रहे हैं तो दोनों लड़का लड़की अपनी शादी की उम्र एज आधार कार्ड में एक दूसरे की चेक कर ले, लड़की के लिए शादी की उम्र 18 वर्ष कानून द्वारा निर्धारित की गई है वह लड़के की शादी की उम्र 21 वर्ष निर्धारित की गई है। 
बाल विवाह वैसे भी भारत में गैर कानूनी है।

कोर्ट मैरिज के लिए आपके पास कौन-कौन से आवेदन पत्र होने चाहिए।

  1. लड़का लड़की का आधार कार्ड। 
  2. लड़का लड़की का दसवीं या 12वीं का सर्टिफिकेट किसी भी बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त। 
  3. दूल्हा दुल्हन का पासपोर्ट साइज फोटो 4 से 5 कॉपी।
  4. और पंजीकरण सर्टिफिकेट के आवेदन की सरकारी फीस जो कि आपका अधिवक्ता द्वारा आपको पता दी गई होगी यह हर स्टेट राज्य में अलग-अलग होती है।

इस लेख को लिखने का कारण केवल आपको कोर्ट मैरिज की जानकारी देना वह उससे सबंधित प्रक्रिया को बताना है अधिक जानकारी के लिए आप हमारे व्हाट्सएप पेज को भी फॉलो कर सकते हैं या हमें कांटेक्ट अस और कमेंट बॉक्स में भी अपने प्रश्न भेज सकते हैं हम उत्तर देने की कोशिश करेंगे।



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