क्या है पत्नी के अधिकार यदि पति उसे घर से निकाल दे या निकलने को मजबूर करें।

 Hindu Marriage Act के अनुसार पत्नी को परेशान करना इस नियत से की या तो वो घर छोड़ दें या उसे तालाक देदे,इस तरह की नियत से उस पर यानी पत्नी पर अत्याचार करना उसे प्रताड़ित करना उसका बार बार अपमान करना उसे डराना ये सभी जुर्म की श्रेणी मे आता है। केवल hindu Marriage Act ही नहीं Indian Penal Code यानी भारतीय दंड संहिता के अनुसार भी एक दंडनीय अपराध है।

ऐसे अपराधों मे तो बचना बेहद ही मुश्किल है, लेकिन यहां बार करते हैं उन महिलाओं को जो ऐसे अपराधों से रोज झुझती है, जी हां हो सकता है कि इस समय आप इस लेख को पड़ रही हो ओर जानकारी लेना चाहती हो तो आपको बता दें कि आप ऐसे मामलो मे अपनी पंचायत का भी सहारा ले सकती हो,लेकिन यदि आपको पंचायत पर भरोसा नहीं या किसी वजह से नहीं जाना चाहती तो आप ऑनलाइन किसी भी नजदीकी कंप्यूटर जहां पर इंटरनेट की सुविधा हो वहां से महिला आयोग को हां इस शब्द को फिर एक बार दुबारा पड़ लें हम बात कर रहें है महिला आयोग की आप इनको भी अपनी ऑनलाइन शिकायत भेज सकते हैं, ओर यदि आप पड़ी लिखी ओर इंटरनेट के इस्तेमाल से पूरी तरह अवगत हो तब तो ये आपके लिए ओर भी आसान है।

पुलिस रिपोर्ट 

आप चाहो तो इस मामले की शिकायत अपने इलाके के पुलिस थाने मे भी करवा सकते हैं या किसी मजिस्ट्रेट को भी दे सकते हैं,यदि आपको लगे की पुलिस कार्यवाही नहीं करेगी या आप किसी वजह से जाना नहीं चाहती तो मजिस्ट्रेट को भी इसकी शिकायत दे सकते हैं,ओर इससे भी आसान रास्ता एक ओर है कि आप किसी वकील यानी अधिवक्ता को भी अपनी शिकायत सौंप सकती है, लेकिन महिला आयोग, पुलिक ओर मजिस्ट्रेट इन्हे शिकायत देने मे आपको कुछ भी पैसा खर्च नहीं करना होगा, ओर शिकायत पर कार्यवाही करना इनका दायित्व बन जाता है, लेकिन अधिवक्ता या वकील को शिकायत देना कभी कबार मेंहगा भी साबित आपके लिए हो सकता है ।

महिला द्वारा शिकायत पर पति पर क्या कार्यवाही हो सकती है।

एक पीड़ित महिला द्वारा शिकायत देने पर मामला न्यायलय भी पहुंच सकता है ओर यदि यह मामला न्यायलय जाता है तो पति को सजा के तौर पर कम से कम 2 से 3 साल तक कारावास ओर जुर्माना भी हो सकता है ओर यदि पीड़ित महिला पर जुर्म ज्यादा किए हैं तो यह बड भी सकता है, लेकिन महिला आयोग में यदि शिकायत जाती है तो वहां आप बीच का रास्ता यानी सुलह भी करवा सकते है, या महिला आयोग स्वयं भी ऐसी कोशिश कर सकता है। यदि यह बात पुलिस रिपोर्ट में साबित हुई की महिला को परेशान या उसे प्रताड़ित करने के पीछे केवल एक वजह थी कि वो देहज चाहते हैं तो ऐसे मामले में केवल महिला का पती ही नहीं बल्कि पति का परिवार भी अपराधी बन सकता है यदि उनका अपराध साबित होता है तो।

क्या है महिला के अधिकार यदि पति से प्रताड़ित होकर पत्नी अलग रहने को मजबूर।

यदि पत्नी को पति अलग रहने पर मजबूर कर दे तो पत्नी अपने नजदीकी किसी भी फैमिली न्यायलय मे पति के खिलाफ अपने गुजारे भत्ते के लिए दावा कर सकती है, इसमें जहा वह रहती है वहां का किराया ओर तीन समय के खाने पीने के खर्चे के साथ साथ महिला अपने आने वाली जिंदगी में तमाम जरूरी खर्चों के लिए पति न्यायलय मे केस चला सकती है, पत्नी अपने केस में फिक्स महीना के पैसे के लिए भी दावा कर सकती ग्स है, जिसमे कोर्ट आपकी जरूरत ओर पति की आय के हिसाब से आपको हर माह कुछ निश्चित राशि दिलवा सकती है, जब तक कि आप दोनों में फिर से सूलह ना हो जाए फिर चाहे इसके लिए जिंदगी भर ही आपको खर्चा कियू ना दिलवाना हो कोर्ट किसी भी तरह से कोई नरमी पति के खिलाफ नहीं बरतेगी।

लेकिन यदि आप यानी पत्नी बीच मे या कभी भी दूसरी शादी या किसी ओर से सम्बन्ध मे पाई जाती है लेकिन वो फिर भी बिना कोर्ट को बताए उस पति पर खर्चे का दावा जारी रखती है,ऐसे में कोर्ट आपके खिलाफ भी सख्त कदम उठा सकती है, ओर कोर्ट को गुमराह ओर किसी परेशान करने जुर्म मे आपको भी जेल की हवा खानी पड़ सकती है। खेर इस पर हम फिर से कोई लेख लाएंगे, तब तक आप कुछ नया पड़ते रहिए।

आपको हमारा आज का लेख केसा लगा कॉमेंट बॉक्स में बताएं, ओर किसी जानकारी के लिए या शिकायत के लिए भी कॉमेंट बॉक्स का इस्तेमाल करें ओर contact us मे जाकर आप दारेक्टली हमे मेल कर सकते है।

No comments

Powered by Blogger.