How to Transfer Car Ownership | गाडी बेचने के बाद भी कोई Ownership अपने नाम ना करें तो क्या करे

 आज कल के इस दौर जहां कोई भी काम बिना मशीन के सम्भव नही वहीं बिन वाहन के कहीं आना जाना सम्भव नही,हमारे पास चाहे दो पहिया हो या चार पहिये वाला वाहन दोनों को ही लेना और बेचना कोई कम मुश्किल भरा काम नही होता बहुत सारी कागजी कार्यवाही के बाद ही हम किसी भी वाहन को खरीद व बेच पाते हैं। इस पर भी यदि कोई लापरवाही कर दे तो लेने के देने हो जाते हैं। 


जैसा कि आज के दौर में ऐसी बहूत सी शिकायतें मिलती है कि गाड़ी तो बेच दी लेकिन खरीदने वाला व्यक्ति उस वाहन की Ownership अपने नाम नही करता,वाहन को रजिस्टर करवाना ही एक बड़ा चैलेंज है प्रोसेस जो भी हम सब कुछ यहाँ बताएगे।


यदि आपसे खरीदे हुए वाहन को कोई अपने नाम ना करे।

यदि आपसे खरीदे हूए वाहन की Ownership कोई व्यक्ति अपने नाम ना करे तो आप जितना जल्दी हो सके आप या तो फॉर्म को खुद ही उस व्यक्ति की डिटेल लेके खुद ही फील करे और सबमिट कर दे। या फिर ऑनलाइन प्रोसेस से भी आप ऐसा कर सकते हो। लेकिन  एक जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए जब भी आप किसी वाहन की खरीद करे या बेचे तो सब कुछ एक कॉन्ट्रैक्ट पर करें केवल एफिडेविट बना कर वाहन को ना बेचे ओर ना ही खरीदे।


ऐसा नही है कि आप एफिडेविट से वाहन नही बेच सकते आप जरूर बेच सकते हैं, बल्कि यदि सामने वाला आपसे गाड़ी खरीद कर उसे अपने नाम नही करता ओर इस बीच वो किसी घटना को आपके वाहन से अंजाम करता है तो वो एफिडेविट ही आपके लिए संजीवनी साबित होगा जो इस बात की गवाही देगा की अब गाड़ी आपके पास नहीं हे, बल्कि आप बेच चुके है, इसीलिए गाड़ी बेचते समय सबसे पहले तो सेल प्राचेज के एफिडेविट जरूर बनाए।

सेल एफिडेविट बेचने वाले के पास रहता है ओर परचेज एफिडेविट खरीदने वाले के पास। लेकिन ज्यादा बेहतर तब होगा यदि इन एफिडेविट के बाद आप RTO या अपने नजदीकी रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर वाहन को खरीदने वाले के नाम ट्रांसफर करने हेतु कुछ फॉर्म को फाइल करके रजिस्ट्रेशन को ट्रांसफर करेंगे।


 पूरी तरह से एग्रीमेंट बना कर उसे रजिस्टर करने से एक तो गाड़ी तुरंत ही सामने वाले के नाम हो जायेगी और दूसरा यदि कोई प्रशन खड़ा हो जाये तो कॉन्ट्रेक्ट के बेस पर आप बड़ी आसानी से अपनी बात चाहे तो कोर्ट के सामने रख सकते हो या किसी भी अधिकारी के सामने।

बहुत कोशिश के बाद भी यदि खरीददार आपके वाहन को अपने नाम नही करता ओर उसके चालान आपको ही आ रहे हे उसके सभी tax नोटिस भी आपको आ रहें हे यदि वह कोई कमर्शियल गाड़ी हे, ओर दूसरा व्यक्ति सिग्नेचर से भागे या कोई बहाना बना कर सिग्नेचर से भागता है।


तो अपने लेवल पर भी लेटर पोस्ट करके अपने शहर की  आर टी ओ व रजिस्ट्रार को एक पत्र लिखे ओर अपनी पूरी समस्या र. टी .ओ व रजिस्ट्रार को बताएं ओर पत्र की एक कॉपी दूसरी पार्टी को भी जरूर भेजें क्योंकि जिनके खिलाफ आप कार्यवाही करने जा रहे हो उन्हें पता होना जरूरी है हो सकता है कि वो आपकी इस कार्यवाही से डर कर ही वाहन अपने नाम करवा दे। इसमें बिल्कुल वैसा ही पत्र अपने एरिया के पुलिस ऑफिसर को जरूर भेजें ओर आप पुलिस के पास मामला दर्ज भी करवा सकते हैं। 


देखिए इन सब कार्यवाही के पीछे की वजह यही है कि यदि कल आपके वाहन से गैरकानूनी एक्टिविटी होती है या आपका वाहन किसी को चोटिल कर देता है तो सुप्रीम कोर्ट के जैमेंट्स के अनुसार यदि किसी की वाहन से किसी थर्ड पर्सन को चोट लगती है या कोई गैरकानूनी एक्टिविटी होती है तो इसके आप ही यानी वाहन जिसके नाम वह जिम्मेवार होंगे,पर यदि वाहन की इंश्योरेंस है तो फिर डरने की कोई जरूरत नही ।
 
यदि इन सब पत्र लिखने की कार्यवाही से भी कोई फर्क ना पड़े तो अपने नजदीकी कोर्ट में किसी अधिवक्ता से अपने इस केस के बारे में पूछे ओर उन्हें कानूनी कार्यवाही कोर्ट के जरिये करने को कहें। 

वाहन R.C ओर अन्य कागज किसी ओर के नाम करवाने के अन्य तरीके। 


आप यदि वाहन बेच रहे हो तो आप लीगल कॉन्ट्रैक्ट जरूर बनाये केवल सेल एफिडेविट से अपना वाहन ना बेच दें। वाहन बेचते समय आप कॉन्ट्रैक्ट व एफिडेविट  बनाये RTO या रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर उचित फॉर्म फिल करके उसे रजिस्टर करे साथ ही अपने वाहन के सभी डॉक्युमेंटस नए मालिक को दे।

या सीधा RTO, SUB रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर वहा वाहन बेचने समृद्धि फॉर्म ले वहा किसी अधिकारी के मदद लेकर सीधा फॉर्म फिल करके ऐफिडेविट को साथ अटैच करके उसे वहां रजिस्टर करें लेकिन उस पर प्रोसेस डॉक्यूमेंट की एक कॉपी अपने पास जरूर रखें।


यदि बहुत जल्दी में आप हे ओर वाहन को जल्दी बेचना चाहते हो तो कम से कम सेल प्रचेज के एफिडेविट जरूर बनवाए ओर उसकी ओरिजनल कॉपी संबंधित व्यक्ति के पास जरूर रहे जैसा की ऊपर हमने बताया, इसका फायदा ये ही की दोनो में से जिस भी व्यक्ति के पास समय हे वो आराम से उस वाहन को अपने नाम कभी भी करवा सकता है, ऐसा देखा गया हे की कई बार खरीदने व बेचने वाले के पास किसी जरूरी कारण समय की कमी रहती है तो ऐसा आप कर सकते हैं।

रजिस्टर्ड वाहन की रजिस्ट्रेशन कैसे ट्रांसफर करें 

यदि आप अपने वाहन या सेकंड हैंड वाहन को खरीद चुके हैं तो पहले वाहन के सभी डोकुमेंट को लेने के बाद ओर न ओ सी लेने के बाद यदि वाहन दूसरे राज्य से लिया है तभी न ओ सी को जरूर पड़ती है। 
आप डॉक्युमनेट को ऑफलाइन RTO OFFICE में जमा कर सकते हैं या Online प्रोसेस से भी सभी डॉक्युमेन्ट को कुछ ही समय मे अपने नाम ट्रांसफर कर सकते हैं। आप इसके लिए। http://parivahan.govt.in पर जाये ओर यहां फॉर्म 28 29 30 से अपने वाहन की रजिस्ट्रेशन को ट्रांसफर करें।

आपको हमारा ब्लॉग कैसा लगा कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । इससे जूड़े ओर जरूरी पोस्ट के लिये हमारे ब्लॉग को पड़ते रहें। 

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